अहिन्दी प्रदेश के उन महानुभावों को यसह सम्मान पत्र प्रदान किया जाता है जिन्होंने अपने-अपने प्रदेशों में साहित्य सृजन के साथ हिन्दी भाषा एवं साहित्य के सम्वर्द्धन एवं प्रचार-प्रसार में उल्लेखनीय योगदान दिया है। ऐसे राष्ट्र पुरूष दो भाषाओं अर्थात् अपनी मातृभाषा और राष्ट्रभाषा, राजभाषा हिन्दी के बीच सेतु बनकर राष्ट्र की एकता और सांस्कृतिक अखण्डता को मजबूती प्रदान की है। देवघर पुस्तक मेला ने वर्ष 2012 से इस प्रतिष्ठित सम्मान से विद्वतजनों को अलंकृत करने की शुरूआत की है। तब से निम्न महानुभावों को ‘भाषा-सेतु’ सम्मान से अलंकृत किया जा चुका है -
1. | डाॅ. एम. गोविन्दराजन | चेन्नई, तमिलनाडु | 2012 |
2. | डाॅ. शेख मौला अली | हैदराबाद, आन्ध्रप्रदेश | 2013 |
3. | प्रो. डाॅ. जी. गोपीनाथन | कालिकट, केरल | 2014 |
4. | प्रो. डाॅ. टी. जी. प्रभाशंकर प्रेमी | बेंगलूरू, कर्नाटक | 2015 |
5. | डाॅ. क्षीरदा कुमार सैकिया | गुवाहाटी, असम | 2016 |
6. | डाॅ. मिलन जमातिया | अगरतल्ला, त्रिपुरा | 2017 |
7. | प्रो. डाॅ. चक्रधर त्रिपाठी | भद्रक, उड़ीसा | 2018 |
8. | प्रो. तनुजा मजुमदार | कोलकाता, प. बंगाल | 2019 |